वही इज़हार काफी था
तुम्हें इक दिन कहा था जो
कि तुमसे प्यार करते हैं
वो लम्हा भूल क्यों बैठे
वो जुमला भूल क्यों बैठे
अभी शहादत मांगोगे
मेरी बेलौस चाहत की
तुम्हें इक बार फिर से वो
मुहब्बत ना मिले शायद
ये जो तुम भूल बैठे हो
तुम्हारी कम निगाही है
तुम्हें गर प्यार करना था
हमारे साथ चलना था
वो इक इज़हार सुन लेते
वही इज़हार काफी था
तुम्हें इक दिन कहा था जो
कि तुमसे प्यार करते हैं
तुम्हें इक दिन कहा था जो
कि तुमसे प्यार करते हैं
वो लम्हा भूल क्यों बैठे
वो जुमला भूल क्यों बैठे
अभी शहादत मांगोगे
मेरी बेलौस चाहत की
तुम्हें इक बार फिर से वो
मुहब्बत ना मिले शायद
ये जो तुम भूल बैठे हो
तुम्हारी कम निगाही है
तुम्हें गर प्यार करना था
हमारे साथ चलना था
वो इक इज़हार सुन लेते
वही इज़हार काफी था
तुम्हें इक दिन कहा था जो
कि तुमसे प्यार करते हैं